Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024 : राजस्थान में दो जगह उम्मीदवार बदले गए हैं. इसमें भीलवाड़ा से सीपी जोशी को उतारा गया है. यहां से पहले दामोदर गुर्जर चुनाव लड़ने वाले थे. अब उन्हें राजसमंद से टिकट दिया गया है. यानी दामोदर गुर्जर को सुदर्शन रावत की जगह टिकट दिया गया है. रावत ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. दो उम्मीदवारों को बदल कर कांग्रेस ने इसके जरिए डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है.
कांग्रेस किसी तरह राजस्थान में डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है. राजसमंद सीट पर सुदर्शन रावत के चुनाव ना लड़ने के ऐलान के बाद पार्टी एकदम से बैकफुट पर आ गई थी. ऐसे में रावत की जगह उसने दामोदर गुर्जर को टिकट थमा दिया है जो भीलवाड़ा से प्रत्याशी थे. पार्टी ने भीलवाड़ा से सीपी जोशी को उम्मीदवार बना दिया है. ब्राह्मण चेहरे को टिकट देने के भारी दबाव के चलते यह कदम उठाया गया है. राजस्थान में सीपी जोशी कांग्रेस के पहले ब्राह्मण उम्मीदवार हैं.
इधर, बांसवाड़ा की बागीदौरा विधानसभा सीट से उप चुनाव के लिए बीजेपी ने सुभाष तंबोलिया को प्रत्याशी बनाया है. यह सीट महेंद्रजीत मालवीय के इस्तीफे से खाली हुई थी. फिलहाल मालवीय बांसवाड़ा से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी हैं. वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
राजसमंद सीट पर फंस गया था पेंच, अब दामोदर गुर्जर को टिकट
कांग्रेस ने पहले राजसमंद से सुदर्शन सिंह रावत को टिकट दिया था लेकिन उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिखकर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. पत्र में उन्होंने साफ कहा था कि मैं पहले ही चुनाव लड़ने से इंकार कर चुका था. मेरी इच्छा के खिलाफ मुझे टिकट दे दिया है. मेरी जगह किसी अन्य युवा साथी को मौका दिया जाना चाहिए. राजसमंद सीट पर पेंच फंसने के बाद अब पार्टी ने दामोदर गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है. जो भीलवाड़ा से चुनाव लड़ने वाले थे.
सीपी जोशी को दिया मौका, भीलवाड़ा से होंगे पार्टी का ब्राह्मण चेहरा
कांग्रेस ने भीलवाड़ा के पूर्व सांसद सीपी जोशी को टिकट दिया है. बताया जा रहा है कि सीपी जोशी चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे, लेकिन पार्टी नेताओं के कहने पर वे तैयार हो गए. वे 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा से सांसद रह चुके हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने एक भी ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था, इससे समीकरण बिगड़ रहे थे और दबाव था कि किसी ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट दिया जाए. इसके बाद डैमेज कंट्रोल के तहत सीनियर जोशी को मनाया गया. डॉ सीपी जोशी से प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने चर्चा की और अपना समर्थन देने की बात कही; वहीं कुछ राष्ट्रीय नेताओं ने भी उनसे बात की थी. इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ना स्वीकार कर लिया.