बैंकों के बाहर उपभोक्ताओं की भीड़, YES बैंक ने कहा NO कैश, कई शहरों में पुलिस की तैनाती…

NEWSDESK
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YES बैंक पर गहराए आर्थिक संकट का असर राजधानी में भी देखने को मिल रहा है। निकासी की सीमा तय करने से लोग परेशान हैं। सुबह से भारी भीड़ यस बैंकों के बाहर जमा है, उपभोक्ता भुगतान ना होने की वजह से निराश होकर लौट रहे हैं। वहीं ATM से भी रकम निकलना बंद हो गई है।

छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश के कई शहरों में YES बैंक में बड़ी संख्या में खाता धारकपहुंच रहे हैं। बैंक में अपनी जमा राशि निकालने उपभोक्ता यहां पहुंच रहे हैं। 3 अप्रैल तक अधिकतम 50 हजार निकासी की शर्त से लोग परेशान हैं। जबलपुर शहर के सिविक सेंटर में YES बैंक स्थित है।

ग्वालियर में भी YES बैंक के बाहर भारी भीड़ देखते हुए पुलिस तैनात की गई है। यहां YES बैंक में किसी भी लेनदेन पर रोक लगी है। सिटी सेंटर में ग्राहक परेशान हो रहे हैं।

इंदौर में भी YES बैंक की शाखाओं पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यहां भी खाताधारक लगातार बैंक पहुंच रहे हैं। बता दें कि इंदौर में YES बैंक की तीन शाखाएं हैं। MG रोड स्थित ब्रांच में नगदी की दिक्कत बनी हुई है।

इससे पहले शुक्रवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के पश्चिमी मुंबई में उनके समुद्र महल स्थित आवास पर छापा मारा है। राणा कपूर के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। संदिग्ध दस्तावेज मिलते ही ईडी की टीम ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। ईडी की ये कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है।

केंद्रीय एजेंसी राणा कपूर की भूमिका एक कारपोरेट इकाई को ऋण के वितरण और उसके बाद कथित रूप से कथित कमबैक के संबंध में जांच कर रही है जो कथित तौर पर उसकी पत्नी के खातों में प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच के दायरे में हैं।

अधिकारियों ने कहा कि राणा कपूर के खिलाफ मामला डीएचएफएल जांच से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि बैंक ने कंपनी को कथित तौर पर एनपीए करार दिया था। इससे पहले रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यस बैंक के बोर्ड को भंग करते हुए ग्राहकों द्वारा खातों से 50,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा निकासी पर रोक लगा दी थी।

यस बैंक अगस्त, 2018 से संकट में है। उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था। उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के नेतृत्व में बैंक ने संकटग्रस्त रिणों का की सूचना प्रकाशित की। बैंक को मार्च, 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ।

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