नवरात्रि में कलश स्थापना के बाद भूलकर भी ना करें ये गलतियां, मां दुर्गा हो जाएंगी नाराज

NEWSDESK
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Chaitra Navratri 2024:  नवरात्रि के दौरान भक्तों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें साफ-सफाई का विशेष महत्व है. नवरात्रि पर घर के किसी भी हिस्से में धूल व गंदगी न होने दें. मान्यता है कि जिस घर में गंदगी होती है, वहां माता लक्ष्मी का वास नहीं होता.

हिंदू धर्म में चैत्र महीने की नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दौरान 9 दिनों तक माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी. इस दौरान माता के भक्त 9 दिनों तक व्रत रखकर माता की पूजा अर्चना करेंगे. नवरात्रि के 9 दिन भक्तों को कुछ बातों का पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि माता की आराधना सफल हो सके.

पुजारी  ने  को बताया कि नवरात्रि के दौरान भक्तों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें साफ-सफाई का विशेष महत्व है. नवरात्रि पर घर के किसी भी हिस्से में धूल व गंदगी न होने दें. मान्यता है कि जिस घर में गंदगी होती है, वहां माता लक्ष्मी का वास नहीं होता, वहीं नवरात्रि में भूलकर भी बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं, तो जीवन पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ सकता है.

भूलकर भी न करें नवरात्रि में ये काम
पुजारी प्रदीप लखेड़ा ने कहा कि नवरात्रि में यदि घर में कलश स्थापित हुआ है या अखंड ज्योत जलाई गई हो, तो उस घर को भूलकर भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए. घर में हर समय कोई न कोई सदस्य मौजूद रहना चाहिए. नवरात्रि के दौरान दिन में सोना नहीं चाहिए. इन दिनों आप भजन-कीर्तन करें और परिवार के साथ मंदिरों में दर्शन के लिए जाएं. इस दौरान घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए. भूलकर भी मांसाहार और तामसिक भोजन न करें. इसके अलावा घर में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल न करें. वहीं नवरात्रि में मदिरापान भी न करें.

  • चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत

पंडित लखेड़ा बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में मां आदिशक्ति के 9 रूपों की विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. देशभर में नवरात्रि को बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. माना जाता है कि चैत्र नवरात्र की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर ही आदिशक्ति अपने 9 रूपों में प्रकट हुई थी, इसलिए इस तिथि के अगले 9 दिनों तक माता रानी के सभी स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनका अपना-अपना महत्व है. इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि से नववर्ष के पंचांग की गणना शुरू होती है, यानी इस दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है.

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