International women’s day: आज खरीदें सोना लेकिन नौलखा हार नहीं, गोल्ड बार या पेपर गोल्ड: एक्सपर्ट टिप्स

NEWSDESK
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International women’s day: महिला दिवस के मौके पर अगर आप अपनी किसी जानकार, दोस्त, प्रेमिका या पत्नी या बहन को सोने के गहने देने जा रहे हैं या फिर यह लेख पढ़ने वाली आप महिला हैं और खुद के लिए सोने की खूबसूरत बालियां लेने की सोच रही हैं तो आपको निवेश के लिहाज से थोड़ा सा और गहराई से सोचने की जरूरत है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं यह जानने के लिए एक्सपर्ट के हवाले से लिखा यह लेख पढ़ें….

Gold investment options as per industry expert: भारतीय महिलाओं का सोने से प्यार किसी से छुपा नहीं है. पारंपरिक रूप से उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक, किसी धार्मिक त्योहार से लेकर शादी विवाह तक, सोने के गहने पहनने का चलन है ही. यह चलन न सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुषों के बीच भी लोकप्रिय है. गहनों का आदान प्रदान भी हमारे देश में बहुत होता है और सोने के आभूषण के जरिए हम सामाजिक व्यहार में ‘हैसियत’ भी तय करने लगते हैं, भले ही यह नैतिक रूप से सही हो या गलत यह अलग चर्चा का विषय है. लेकिन आज यानी महिला दिवस के मौके पर अगर आप अपने लिए नौलखा हार लेने जा रही हैं या मोटी तोले की गले की चेन लेने जा रही हैं, या फिर पुरुष लोग अपने बहन, प्रेमिका, पत्नी या बेटी को गोल्ड जूलरी देने की सोच रहे हैं तो सिक्के का एक दूसरा पहलू आज हम आपको बताएंगे.

बैंकबाजार की डिप्टी जनरल मैनेजर (कम्युनिकेशन्स) नंदा पदमनाथन के मुताबिक, गोल्ड जूलरी लाभांश या आय पैदा नहीं करती. फिजिकल गोल्ड से जुड़े कई खर्चे भी हैं जो आपके फाइनल रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं. जैसे कि खुदरा मार्क-अप, मेकिंग चार्ज और स्टोरेज. सोने की खरीद पर जीएसटी भी लगता है.

कई मामलों में जौहरी आपके आभूषणों को नकद में खरीदने के लिए तैयार नहीं होता बल्कि उन्हें नए आभूषणों के बदले में ही खरीद सकता है. सोने के आभूषण खरीदना सोने में निवेश का भी पारंपरिक तरीका रहा है. लेकिन, म्यूचुअल फंड या एफडी जैसे निवेशों के विपरीत, फिजिकल सोना इनकम जेनेरेट नहीं करता है.

वह विस्तार में बताती हैं कि गोल्ड के फिजिकल रूप से जुड़े कई खर्चे भी हैं जो आपके अंतिम रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं.इनमें खुदरा मार्क-अप और मेकिंग चार्ज और भंडारण व्यवस्था शामिल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आभूषण हर समय सुरक्षित रहे। सोने की खरीद पर जीएसटी भी लगता है. अंत में, सोने के आभूषणों को बेचने से पहले उनका मूल्यांकन किया जाता है और इसमें बर्बादी कटौती होती है. जाहिर है आपको वह रिटर्न नहीं मिलता जितना की आप सोच रही थीं.

साथ ही, कई मामलों में जौहरी आपके आभूषणों को नकद में खरीदने के लिए तैयार भी नहीं होता है, बल्कि उन्हें नए आभूषणों के बदले में ही खरीद सकता है. निवेश के दृष्टिकोण से देखें तो सोने के आभूषण डाइवर्सिफाइड ऑप्शनतो नहीं ही हैं. एक अच्छे बैलेंस्ड पोर्टफोलियो के लिए आवश्यक है कि यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ और म्यूचुअल फंड जैसे डिजिटल सोने में निवेश करें. नंदा यह भी आगाह करती हैं कि सोने में निवेश करते समय संतुलित पोर्टफोलियो के लिए अपने जोखिम को 5-10% तक लिमिटेड रखना समझदारी होगी.

 

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