बड़ेसट्टी गांव नक्सलवाद से मुक्त होने वाला पहला गांव बना, विकास कार्यों के लिए मिलेगी 1 करोड़ रुपए की राशि

News Desk
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 सुकमा

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव नक्सलवाद से मुक्त होने वाला पहला गांव बन गया है। सरकार की नई आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति और इलवद पंचायत योजना के तहत इस गांव के विकास के लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। नक्सलमुक्त होने पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

    छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में विभिन्न ऑपरेशन्स में कोबरा कमांडो और छत्तीसगढ़ पुलिस ने 22 कुख्यात नक्सलियों को आधुनिक हथियारों और विस्फोटक सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया है।

सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर बड़ेसेट्टी में शुक्रवार को 11 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद गांव नक्सलमुक्त हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 का हिस्सा इलवद पंचायत योजना में उन ग्राम पंचायतों को एक करोड़ रुपये के विकास  कार्यों को मंजूरी देने का प्रावधान है जो नक्सलियों के आत्मसमर्पण में मदद करेंगे और खुद को नक्सलवाद मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करेंगे।

बड़ेसट्टी के सरपंच कलमू जोगा (33) ने  बताया कि पुलिस की मदद से स्थानीय पंचायत ने हमारे इलाके में प्रतिबंधित संगठन से जुड़े लोगों को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

2021 में शांति की ओर बढ़ाया था पहला कदम
नक्सलवाद के लिए बदनाम रहे बड़ेसट्टी ने 2021 में शांति की ओर पहला कदम तब उठाया जब वहां छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) का कैंप स्थापित किया गया।

बड़ेसट्टी में तैनात सीएएफ  की पहली बटालियन के कंपनी कमांडर जमुना कुमार रजक ने बताया कि कैंप स्थापित होने के बाद इलाके में एक सड़क का निर्माण हुआ और विकास होने लगा। जल्द ही नक्सली गतिविधियां कम होने लगीं। पंचायत के आठ बस्तियों में से छह में बिजली की आपूर्ति है।

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