Lok Sabha Chunav: छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण की वोटिंग कल, जानें कौन लेगा किससे टक्कर, क्या है व्यवस्था?

NEWSDESK
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Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सरगुजा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, दुर्ग और रायपुर की जनता वोटिंग करेगी. मतदान के लिए 306 आदर्श मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 235 केंद्र युवाओं द्वारा संचालित हैं. गर्मी से बचने के लिए मतदान केंद्रों पर शीतल पेयजल, नींबू पानी और ओआरएस घोल की व्यवस्था की गई है.

 रायपुर. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को होगी. छत्तीसगढ़ में 7 संसदीय क्षेत्रों की जनता नेताओं का भाग्य ईवीएम में कैद करेगी. मंगलवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सरगुजा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, दुर्ग और रायपुर की जनता वोटिंग करेगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि वोटिंग के लिए राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. इस मतदान के लिए 77592 मतदानकर्मी नियुक्त किए गए हैं. मतदान सुबह सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा. तीसरे चरण में पिछले लोकसभा की तुलना में 9.34% मतदाताओं की वृद्धि हुई है. इसके लिए 2809 संगवारी मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

सरगुजा में कांग्रेस की शशि सिंह और बीजेपी के चिंतामणी महाराज के बीच मुकाबला है. रायगढ़ में कांग्रेस की मेनका देवी सिंह का मुकाबला बीजेपी के राधेश्याम राठिया के बीच होगा. बिलासपुर में कांग्रेस के देवेंद्र यादव का मुकाबला बीजेपी के तोखन साहू से होगा. कोरबा में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत का मुकाबला बीजेपी की सरोज पांडेय से होगा. जांजगीर में कांग्रेस के शिव डहरिया का मुकाबला बीजेपी की कमलेश जांगड़े से होगा. दुर्ग में कांग्रेस के राजेंद्र साहू का मुकाबला बीजेपी के विजय बघेल से होगा. रायपुर में विकास उपाध्याय का मुकाबला बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल से होगा.

मतदाताओं के लिए ये होगी खास व्यवस्था
कंगाले ने बताया कि मतदान के लिए 306 आदर्श मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 235 केंद्र युवाओं द्वारा संचालित हैं. गर्मी से बचने के लिए मतदान केंद्रों पर शीतल पेयजल, नींबू पानी और ओआरएस घोल की व्यवस्था की गई है. जहां जरूरी होगा वहां कूलर भी लगाए जाएंगे. लाइन में खड़े मतदाताओं के लिए छाया की व्यवस्था भी की गई है. वेटिंग हॉल के साथ मेडिकल किट की भी व्यवस्था की गई है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई भी की है. आचार संहिता के दौरान 1800 से अधिक मामले दर्ज हुए. एनडीपीएस एक्ट के तहत 715 मामले दर्ज किए गए. आबकारी एक्ट के 325 व अन्य मामलों में 828 केस दर्ज हुए. अब तक कुल 1868 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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