बीजेपी का कौन है वो उम्मीदवार, जो बिना लड़े ही जीत गया सूरत लोकसभा चुनाव

NEWSDESK
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भारतीय जनता पार्टी ने सूरत लोकसभा सीट से इस बार मौजूदा सांसद दर्शना जरदेश का टिकट काटकर मुकेश कुमार दलाल को अपना प्रत्याशी बनाया था. मुकेश कुमार दलाल सूरत महानगर पालिका स्टैंडिंग कमेटी का तीन बार अध्यक्ष रहे हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम भले ही 4 जून को आएंगे, लेकिन इससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी खबर आई है. सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मुकेश कुमार दलाल चुनाव जीत गए हैं. दरअसल, मुकेश कुमार दलाल के सामने अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं. यहां कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे. कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भणी का कल रविवार का नामांकन रद्द हो गया था.

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर कुल 24 लोगों ने अपना नामांकन पुत्र दाखिल किया था. इनमें से 12 लोगों का नामांकन जांच के दौरान रद्द हो गया. मैदान में डटे शेष 9 उम्मीदवारों में से 8 ने अपना नाम वापस ले लिया है. मुकेश कुमार के सामने बहुजन समाज पार्टी के प्यारे लाल भारती, ग्लोबल रिपब्लिक पार्टी से जयेशभाई और निर्दलीय प्रत्याशी भारतभाई प्रजापति, अजितसिंह भूपतसिंह, किशोरभाई ध्यानी, रमेशभाई परोषत्तमभाई तथा अब्दुल हामिद खान थे.

इस तरह चुनावी मैदान में अकेले बीजेपी उम्मीदवार मुकेश कुमार दलाल ही बचे थे. उनके सामने कोई भी चुनौती देने वाला नहीं बचा है, इसलिए वे निर्विरोध निर्वाचित कर दिए जाएंगे. मुकेश कुमार दलाल लंबे समय से जनसंघ से जुड़े हुए हैं. वे सूरत के कपड़ा उद्योग से ताल्लुक रखते हैं. मुकेश कुमार सूरत महानगर पालिका में 8 वर्षों से भी अधिक लगातार स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं. दावा किया जाता है कि इतने समय तक स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष बने रहना अपनेआप में रिकॉर्ड है.

कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द
सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस ने नीलेश कुंभणी को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन जांच के दौरान उनका नामाकंन रद्द हो गया. नीलेश कुंभणी के नामांकन पर तीन प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर किए थे, लेकिन बाद में उन लोगों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को हलफनामा सौंपते हुए कहा था कि नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर उनके नहीं हैं.

सूरत लोकसभा सीट
गुजरात की सूरत लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है. सूरत लोकसभा सीट पर पिछले 35 वर्षों से बीजेपी का एकछत्र राज रहा है. 1989 में बीजेपी ने इस सीट पर खाता खोला था. उस समय बीजेपी के टिकट पर काशीराम राणा विजयी हुए थे. काशीराम राणा 1989 से 2004 तक लगातार यहां से सांसद चुने गए. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई यहां से सांसद थे. मोरारजी देसाई यहां से लगातार पांच बार सांसद चुने गए. वर्तमान में यहां से दर्शना जरदोश सांसद थीं. दर्शना जरदोश यहां से लगातार तीन बार सांसद चुनी गईं. दर्शना जरदोश केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री और केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री रही हैं.

सूरत लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं और सभी में बीजेपी का कब्जा है. इनमें ओलपाड, वरच्छा रोड, सूरत पश्चिम, सूरत पूर्व, करंज, सूरत उत्तर और कटा ग्राम विधानसभा सीट शामिल हैं.

 

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