Lok Sabha Chunav 2024: इंडिया गठबंधन को हाल ही में खजुराहो लोकसभा संसदीय सीट पर झटका लगा था. उसकी उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द हो गया था. अब इंडिया गठबंधन ने ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार रिटायर्ड आईएएस राजा भैया प्रजापति को संयुक्त रूप से उम्मीदवार बनाया है.
मध्य प्रदेश के खजुराहो में करीब-करीब रोज राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहा है. अपनी इकलौती उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद इंडिया गठबंधन ने नए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया है. कांग्रेस ने खजुराहो सीट लोकसभा सीट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पार्टी ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक को समर्थन देने का ऐलान किया है. कांग्रेस का कहना है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की राजनीतिक पार्टी की विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है. इसलिए उनके नेता को संयुक्त प्रत्याशी बनाया गया है. इस सीट पर जीत हमारी ही होगी.
कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक ने कहा कि खजुराहो सीट पर समाजवादी की प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा निरस्त हो गया था. इसलिए हमने तय किया है कि फॉर्वर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार रिटायर्ड आईएएस राजा भैया प्रजापति प्रजापति को समर्थन देंगे. फॉर्वर्ड ब्लॉक पार्टी 1939 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने बनाई थी. ये कांग्रेस की विचारधारा से मेल खाती हुई पार्टी है. पूरा देश जानता है कि आजादी की लड़ाई में सुभाषचंद्र बोस और कांग्रेस पार्टी की क्या भूमिका थी. उन्होंने नारा दिया था, ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा.’
आईएएस के रूप में कई जगह दी सेवाएं
ये हैं बता दें, राजा भैया प्रजापति पूर्व आईएएस हैं. उन्होंने छतरपुर के महाराजा कॉलेज से एमए अंग्रेजी किया है. उसके बाद वे साल 1982 में महाराजा कॉलेज में ही अंग्रेजी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर बने. साल 1985 में वे राज्य प्रशासनिक अधिकारी बने. वे जतारा, अजयगढ़, पन्ना, चुरहट, गोपदवनास, बड़वाह और सेंधवा के एसडीएम रहे. भिंड, बड़वानी, विदिशा, शिवपुरी और सिवनी के अपर कलेक्टर रहे. दतिया, श्योपुर, बुरहानपुर में सीईओ जिला पंचायत रहे.
निर्वाचन आयोग बना चुका प्रेक्षक
उनका साल 2002 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोशन हुआ. इसके बाद वे उच्च शिक्षा विभाग में अपर संचालक रहे. श्रम विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के उपसचिव और वन विभाग में अपर सचिव रहे. वे अशोकनगर के कलेक्टर, चंबल संभाग के अपर आयुक्त, राज्य खाद्य आयोग के सचिव रहे. भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा का प्रेक्षक भी बनाया था.