NEET Story: इरादे मजबूत, तो बाधाएं चकनाचूर, दो सगी बहनों ने क्रैक किया NEET, ऐसे लिखीं सफलता की कहानी

NEWSDESK
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NEET Success Story: लाखों युवा हर साल डॉक्टर (Doctor) बनने के सपने को लेकर NEET की परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन इसमें कुछ ही लोग सफल हो पाते हैं. इसके बावजूद दो जड़वां बहनों ने एक साथ NEET की परीक्षा पास करके सफलता की इबादत लिख डाली हैं.

Success Story: हर साल लाखों युवाओं डॉक्टर बनने के अपने सपनों के साथ मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं (Medical Entrance Exam) के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही लोग देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली NEET परीक्षा को पास करने में सफल हो पाते हैं. ऐसे कई NEET उम्मीदवार हैं, जो दूसरे या तीसरे प्रयास में इस में सफल हो पाते हैं. आज हम जिनके बारे में बताने जा रहे हैं, वह दोनों जुड़वा बहनें हैं. उनका नाम सैयद ताबिया (Syed Tabia) और सैयद बिस्मा (Syed Bisma) हैं. दोनों ने NEET की परीक्षा में सफलता की कहानी लिख डाली, जो महिलाओं के लिए प्रेरणा भी हो सकती हैं.

एक साथ दो बहनों ने पास की NEET की परीक्षा
जुड़वां बहनें, सैयद ताबिया और सैयद बिस्मा दक्षिण कश्मीर के एक ग्रामीण समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने इस परीक्षा को पास करके जो उपलब्धि हासिल की हैं, वह बहुत ही कम लोगों को मिल पाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुलगाम के वातू गांव में नमाज पढ़ाने वाले इमाम सैयद सज्जाद की जुड़वां बेटियां सैयद ताबिया और सैयद बिस्मा ने NEET की परीक्षा में शानदार स्कोर हासिल की हैं. दोनों बहनों ने श्रीनगर के एक कोचिंग सेंटर से पढ़ाई की हैं. NEET में कश्मीर की सैयद ताबिया ने 625 अंक और सैयद बिस्मा ने 570 अंक प्राप्त की हैं. इससे साबित होता है कि उनकी प्रतिबद्धता और परिश्रम सफल रहा है.

युवाओं के लिए हैं प्रेरणा
सैयद ताबिया और सैयद बिस्मा के पिता के अनुसार, उचित कोचिंग प्राप्त करना उनकी सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक था. कश्मीरी युवाओं के लिए इन बहनों ने जो सफलता की इबादत लिखी है, वह दृढ़ता और परिश्रम के मूल्य का एक उदाहरण है. उनकी उपलब्धियां दर्शाती हैं कि दूर-दराज के क्षेत्रों के उम्मीदवारों को सही सहायता और मार्गदर्शन मिले तो सारी बाधाओं को पार करने और उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम हो सकते हैं.

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