रविचंद्रन अश्विन का हिंदी पर विवादित बयान, कहा ‘हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है’

News Desk
3 Min Read

Ravichandran Ashwin: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उनके इस फैसले से सभी को हैरानी हुई थी। इसके बाद अब अश्विन ने एक और हैरान करने वाली बात कही है, जिससे विवाद खड़ हो गया है। अश्विन एक कॉलेज में ग्रेजुएशन सेरेमनी में पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। अश्विन ने ये बयान ऐसी जगह दिया है जहां पहले से ही हिंदी का यूज एक बड़ा मुद्दा रहा है। अश्विन ने सेरेमनी के दौरान स्टूडेंट्स से बात की और उनसे कुछ सवाल पूछे जिसके बाद उन्होंनें हिंदी को लेकर ये बात कही। अश्विन ने ये सब तमिल में कहा।

जानबूझकर हिंदी थोपने का दावा

सेरेमनी के दौरान बच्चों से बात करते हुए अश्विन ने पूछा, "यहां जो लोग इंग्लिश समझते हैं वो हां कहें।" इस पर बच्चे जोर से चिल्लाए। इसके बाद अश्विन ने कहा, "जो लोग तमिल समझते हैं वो जोर से हां कहें।" यहां भी बच्चों ने जोर से आवाज लगाई। इसके बाद अश्विन ने कहा, "ठीक, हिंदी?" यहां कोई आवाज नहीं आई। तब अश्विन ने कहा, "हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं है, ये आधिकारिक भाषा है।" अश्विन के इस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। कई विरोधी पार्टियां जिसमें तमिलनाडु में सरकार चला रही डीएमके ने केंद्र पर ये आरोप लगाए हैं कि वह जानबूझकर हिंदी थोप रही है।

खड़ा हो गया विवाद

अश्विन के बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। कई लोग उनके खिलाफ में उतर आए हैं तो। सोशल मीडिया पर अश्विन को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि, कई लोग उनके साथ भी खड़े नजर आ रहे हैं। इस मामले को लेकर लोग दो धड़ों में बंट गए हैं। उनके इस बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चंद ने कहा, "जो लोग भारत में रहते हैं वो हिंदी को पसंद करते हैं। हिंदी बेहद खूबसूरत भाषा है। हर किसी को इसे कबूल करना चाहिए। आप कौनसी भाषा बोलते हैं उससे फर्क नहीं पड़ता। भारत एक बड़ा देश है जहां पानी बदलता है तो भाषा बदलती है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी हिंदी को पसंद करते हैं।"

Share this Article