जसप्रीत बुमराह का कहना है कि उन्हें यह बात बड़ी हास्यास्पद लगती है कि एक साल पहले तक लोग उनके करियर के खत्म होने की बातें कर रहे थे और अब उन्हें सर्वश्रेष्ठ बुलाते हैं. बुमराह ने 2022 में पीठ के निचले हिस्से में ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर’ के लिए सर्जरी कराई थी, जिसके कारण वह ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए थे.
जसप्रीत बुमराह का कहना है कि उन्हें यह बात बड़ी हास्यास्पद लगती है कि एक साल पहले तक लोग उनके करियर के खत्म होने की बातें कर रहे थे और अब उन्हें सर्वश्रेष्ठ बुलाते हैं. बुमराह ने 2022 में पीठ के निचले हिस्से में ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर’ के लिए सर्जरी कराई थी, जिसके कारण वह ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए थे. घरेलू सरजमीं पर सीरीज में वापसी करने से पहले उन्हें खिंचाव आ गया जिससे वह 10 से ज्यादा महीनों के लिए क्रिकेट से बाहर हो गए. लोग उनके तीनों फॉर्मेट में खेलने के वर्कलोड से निपटने की काबिलियत पर सवाल उठाने लगे.
भारत ने महज 119 रन पर सिमटने के बाद बुमराह के शानदार प्रदर्शन के बूते पाकिस्तान को सात विकेट पर 113 रन के स्कोर पर रोक दिया. बुमराह आलोचकों की ‘अदलू बदलू’ प्रकृति को बखूबी समझते हैं और जानते हैं कि उनके लिए सर्वश्रेष्ठ यही है कि वह खुद के नियंत्रण वाली चीजों पर काम करें.
इस तरह के भावनाओं से भरे बड़े मुकाबले में बाहर का शोर दबाव बना सकता है, लेकिन बुमराह इन सब की अनदेखी कर इससे निपटने में सफल रहते हैं, उन्होंने कहा, ‘अगर मैं बाहर का शोर देखूंगा, लोगों को देखूंगा तो दबाव और भावनाएं हावी हो जाएंगी. फिर मेरे लिए चीजें काम नहीं करेंगी.’ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 17 पिछले महीने ही खत्म हुआ है और टी20 वर्ल्ड कप खेलने आई भारतीय गेंदबाजी यूनिट इसके कारण थकी नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा, ‘आईपीएल हालांकि गेंदबाजों के मुफीद नहीं था, लेकिन हम खुश हैं कि हम थकान के साथ यहां नहीं आए हैं और हमें जब भी यहां मदद मिल रही है तो हम इसका इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं.’
कम स्कोर वाले मैचों में अकसर तेज गेंदबाज अलग तरह की गेंद जैसे यॉर्कर या बाउंसर आजमाने की कोशिश करते हैं, लेकिन बुमराह का कहना है कि किसी को भी इनकी अति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर हम जादुई गेंद डालने के लिए बेताब होने की कोशिश करेंगे तो रन बनाना आसान हो जाएगा और कम स्कोर को देखते हुए हमें परिस्थितियों देखकर इनकी अति नहीं करनी चाहिए.’