एडीआर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. संस्था ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के 48 घंटों के भीतर ‘पूरा’ मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने की मांग की है.
नई दिल्ली. एक गैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की है कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के हर चरण के मतदान के खत्म होने के 48 घंटे के भीतर वह अपनी वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार वोटिंग का डेटा पूरे आंकड़ों के साथ अपलोड करे. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी 2019 जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन दायर किया है. जिसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है कि चुनाव खत्म होने के बाद सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17 सी भाग-I (रिकॉर्ड किए गए वोटों का खाता) की स्कैन की गई पढ़ने लायक कॉपियां तुरंत अपलोड की जाएं.
एनजीओ ने कहा कि चुनाव आयोग को 2024 के लोकसभा चुनावों में हर चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17सी भाग- I में दर्ज किए गए वोटों की संख्या के पूरे आंकड़ों में मतदान केंद्र-वार डेटा और निर्वाचन क्षेत्र का डेटा प्रदान करने का निर्देश दें. इसमें कहा गया कि याचिका यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की गई थी कि चुनावी अनियमितताओं से लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित न हो. ईसीआई ने 30 अप्रैल को 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले दो चरणों के लिए मतदाता वोटिंग का डेटा जारी किया. जो 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के मतदान के 4 दिन बाद प्रकाशित किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि अंतिम मतदाता वोटिंग का डेटा जारी करने में बहुत देरी के साथ ही 30 अप्रैल, 2024 के पोल पैनल के प्रेस नोट में 5 प्रतिशत से अधिक के असामान्य रूप से उच्च संशोधन ने इसकी शुद्धता के बारे में चिंताएं और सार्वजनिक संदेह बढ़ा दिया है. इस याचिका में कहा गया कि डाले गए वोटों की पूरी संख्या जारी न होने के साथ-साथ डाले गए वोटों के आंकड़े जारी करने में देरी के कारण शुरुआती आंकड़ों और 30 अप्रैल को जारी आंकड़ों के बीच अंतर को लेकर मतदाताओं के मन में आशंकाएं पैदा हो गई हैं. इन आशंकाओं का समाधान किया जाना चाहिए और उन पर विराम लगाया जाना चाहिए.