‘अरविंद केजरीवाल सत्ता के लोभी…’ हमलावर हुई BJP; दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद AAP ने दिया यह जवाब

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NEWSDESK
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Arvind Kejriwal: कल यानी 27 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और द‍िल्‍ली नगर न‍िगम (एमसीडी) को 2 लाख से अधिक छात्रों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध न करा पाने को लेकर फटकार लगाई. हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) का जवाब आया है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबों की सप्लाई नहीं होने पर शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कल जमकर फटकार लगाया. इसके बाद अब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमला किया है. बता दें कि हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए साफ कहा कि केजरीवाल ने जेल में रहने के बावजूद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देकर अपने निजी हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा है.

वहीं अब भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने AAP पर हमला करते हुए कहा ‘अरविंद केजरीवाल सत्ता के लोभी हैं, वह देश हित से ऊपर अपना निजी हित मानते हैं और जेल में रहते भी मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं. यह मैं नहीं कह रहा. यह हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ टिप्पणी की है और यह भी कहा है कि स्कूल के बच्चों को किताबें नहीं मिल रही. स्कूलों के हालात जर्जर हैं और मुख्यमंत्री जेल में रहकर सत्ता भोगना चाहते हैं. मुझे लगता है इस टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.’

इसके अलावा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कि ‘कोई सरकारी कर्मचारी अगर किसी भी आरोप में पकड़ा जाता है तो 48 घंटे के अंदर उसका इस्तीफा ले लिया जाता है. अरविंद केजरीवाल, आप तो सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री हैं. आपको शर्म आनी चाहिए थी. अब तक आपको इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन कुर्सी का मोह, उस बंगले का मोह जो आपने जनता के पैसों से बनाया वो आपको ये पद छोड़ने नहीं दे रहा.’

AAP ने दिया यह जवाब
हाईकोर्ट की टिप्पणी पर AAP ने बयान दिया है. AAP ने कहा-
1. LG ने गैरकानूनी तरीके से की मनोनित पार्षदों की नियुक्ति.
2. LG के गैरकानूनी तरीका अपनाने से MCD की स्टैंडिंग कमिटी नहीं बनी.
3. स्टैंडिंग कमिटी नहीं बनने के लिए LG VK सक्सेना जिम्मेदार.
4. स्टैंडिंग कमिटी न बनने की वजह से MCD का काम रुका.
5. स्टैंडिंग कमिटी का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

 

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