राजस्थान की 12 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को चुनाव हो चुका है. अब बारी है 13 सीटों की. बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस और बीजेपी के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कल 13 सीटों पर मतदान होगा. लोकसभा चुनाव के साथ ही बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होगा. राजस्थान की जिन सीटों पर कल चुनाव होना है उनमें बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, उदयपुर, राजसमंद, और झालावाड़-बारां सीट शामिल हैं. इससे पहले लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीटों पर मतदान हुआ था. इस तरह दो चरणों में ही राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो जाएगा.
राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इन क्षेत्रों में 1.72 लाख से अधिक मतदानकर्मी चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए हैं. कुल 82,487 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. इनमें राजस्थान पुलिस के साथ-साथ, होमगार्ड, फॉरेस्ट गार्ड एवं आरएसी जवान शामिल हैं. केंद्रीय पुलिस बलों की 175 कंपनियां भी मतदान के दौरान कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा में सहयोग करेंगी.
राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान के लिए 28,758 बूथ बनाए गए हैं. कल 2.80 करोड़ मतदाता 152 प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे.
राज्य की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में अपेक्षाकृत कम मतदान के बाद दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी का प्रचार अभियान तेज रहा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में अपनी सभाओं में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. राज्य में पहले चरण में 12 सीटों पर 58.28 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 में 64.02 फीसद था. कम मतदान प्रतिशत से चिंतित दोनों दलों के नेताओं ने लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया है.
राजस्थान की हॉट सीट
पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली कांग्रेस इस बार भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में है. दूसरे चरण की 13 सीटों में से छह हॉट सीट मानी जा रही हैं. इनमें भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम और भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जालौर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं और प्रचार अभियान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री का ज्यादातर ध्यान जालौर पर ही रहा, जिससे भाजपा उम्मीदवार लुंबाराम के लिए मामला कठिन होता नजर आ रहा है. वैभव गहलोत 2019 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जोधपुर में भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए थे.
दूसरे चरण में सबकी नजरें जोधपुर पर होंगी जहां भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह उचियारड़ा से कड़ी टक्कर मिल रही है. कांग्रेस नेता का यह पहला लोकसभा चुनाव है जबकि शेखावत 2014 और 2019 में लगातार दो जीत के बाद तीसरी बार मैदान में है. उचियारड़ा ने गजेंद्र सिंह को ‘बाहरी’ बताते हुए ‘स्थानीय’ और ‘बाहरी’ का मुद्दा बनाया है.
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर अपना चुनाव प्रचार केंद्रित रखा. उनके बेटे और मौजूदा सांसद दुष्यंत सिंह इस सीट से फिर से चुनाव मैदान में हैं और उसनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला जैन से हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल से कड़ी चुनौती मिल रही है. गुंजल पहले भाजपा में थे और उनकी तभी से बिरला से अदावत रही है. आदिवासी बहुल बांसवाड़ा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारने के बावजूद भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवार राजकुमार रोत को समर्थन दिया. कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया और मैदान में बने रहे. इस सीट पर भाजपा ने महेंद्रजीत सिंह मालवीय को उम्मीदवार बनाया है.
मालवीय बागीदौरा से कांग्रेस विधायक थे लेकिन हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे से खाली हुई बागीदौरा विधानसभा सीट के लिए मतदान भी 26 अप्रैल को होगा.
राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. सीपी जोशी भीलवाड़ा सीट पर भाजपा के दामोदर अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी भी चित्तौड़गढ़ से तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे है. चित्तौड़गढ़ में पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना कांग्रेस प्रत्याशी हैं.