बस्तर लोकसभा चुनाव में मुकाबला बड़ा दिलचस्प है. यहां बीजेपी ने गांव के एक सरपंच को कांग्रेस के छह बार से लगातार विधायक और कैबिनेट मंत्री के सामने उतारा है. इस सीट पर कांग्रेस से कवासी लखमा और भारतीय जनता पार्टी से महेश कश्यप एकदूसरे को चुनौती दे रहे हैं.
छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. यहां 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां बहुजन समाज पार्टी-बीएसपी से आयतु राम मंडावी, कांग्रेस से कवासी लखमा और भारतीय जनता पार्टी-बीजेपी से महेश कश्यप मैदान में हैं. इनके अलावा कंवल सिंह बघेल, जगदीश नाग, टीकम नागवंशी, नरेंद्र बुरका, फूलसिंह कचलाम, शिवराम नाग, प्रकाश कुमार गोटा और सुंदर बघेल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. सभी नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वर्तमान में यहां से कांग्रेस के दीपक बैज सांसद हैं.
बस्तर लोकसभा क्षेत्र में छह जिलों की 8 विधानसभा सीट आती हैं. इनमें कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, बीजापुर और कोंटा विधानसभा शामिल हैं. इन 8 में से 5 पर बीजेपी और 3 पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेसी उम्मीदवार कवासी लखमा सुकमा जिले की कोंटा सीट से विधायक हैं.
कांग्रेस के दिग्गज के सामने बीजेपी का नया चेहरा
बीजेपी ने यहां से महेश कश्यप को मैदान में उतारा है. वे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने महज 10वीं तक ही तालीम हासिल की है. महेश कश्यप जिला स्तर पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों से जुड़े रहे हैं. वे अपने गांव कलचा में 2014 से 2019 तक सरपंच रहे हैं. महेश का मुकाबला छह बार के विधायक कवासी लखमा से हो रहा है. कवासी आदिवासी नेता हैं. उन्होंने पहली बार 2003 में विधानसभा का चुनाव जीता. 2013 में नक्सलियों ने उनके काफिले पर हमला किया था. जिसमें उन्हें छोड़कर 30 से अधिक लोग मारे गए थे. कवासी लखमा छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें कांग्रेस के दीपक बैज को कुल मतदान का 44 प्रतिशत 4.02 लाख वोट मिले थे. बीजेपी के बैदूराम कश्यप को 39.83 फीसदी के साथ 3.63 लाख वोट मिले थे. इनके अलावा अन्य उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले. नोट के पक्ष में 41,667 लोगों ने वोट किया. बीएसपी के आयतु राम मंडावी को महज 3.34 फीसदी 30,449 वोट मिले. उस समय इस सीट पर कुल 9.13 लाख, 761 लोगों ने अपना कीमती वोट दिया था.